मंजुमन
(Story Of two beautiful people)
किरदार
मंजुल
अंजुमन
दीपेश
विपुल
कहानी की शुरुआत एक ऐसी लड़की से शुरू होती है जिसकी नटखट हरकतों से पूरा घर चहकता था ।जिसका नाम था मंजुल सबकी लाडली प्यार से सब उसे सोनू बुलाते थे अपने मां बाप की अकेली बेटी लाडली बेटी , बचपन से हर बात को बेबाकी से बोलना अपनी शर्त पर जीना ही उसकी असली जिंदगी थी । वह अपनी जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीना तो चाहती थी लेकिन किसीको तकलीफ देना उसके व्यवहार में शामिल नहीं था।खुद खुश रहना और सबको खुश रखना यही उसकी जिंदगी की टैग लाइन थी ।
पड़ने में उसकी रुचि बहुत थी ,किताबों से उसकी गहरी दोस्ती थी। अपने स्कूल में भी सबकी चहेती थी।उसकी सोच अपने परिवार की सोच से समाज की सोच से बहुत अलग थी वह परंपराओं में बंधकर जीना नहीं चाहती थी ,उसे जिंदगी को खुले हाथों से आजादी से जीना था। पर कहते हैं ना जिंदगी की स्टोरी कब क्या मोड़ लेले कोई नहीं जानता । मंजुल की जिंदगी मैं ऐसे मोड़ आए एक नहीं कई बार आए, और हर मोड़ पर वो गिरी संभली फिर चली ,खुद को खोया फिर पाया , टूटी बिखरी और हिम्मत से फिर जुड़ी ।।
आइए थोड़ा शुरुआत से मंजुल की जिंदगी को जानने की कोशिश करते हैं ,हर लड़की उसमें खुद को महसूस करेगी ऐसा लगेगा जैसा कोई उसकी ही बात कर रहा है।
(Story Of two beautiful people)
किरदार
मंजुल
अंजुमन
दीपेश
विपुल
कहानी की शुरुआत एक ऐसी लड़की से शुरू होती है जिसकी नटखट हरकतों से पूरा घर चहकता था ।जिसका नाम था मंजुल सबकी लाडली प्यार से सब उसे सोनू बुलाते थे अपने मां बाप की अकेली बेटी लाडली बेटी , बचपन से हर बात को बेबाकी से बोलना अपनी शर्त पर जीना ही उसकी असली जिंदगी थी । वह अपनी जिंदगी को अपनी शर्तों पर जीना तो चाहती थी लेकिन किसीको तकलीफ देना उसके व्यवहार में शामिल नहीं था।खुद खुश रहना और सबको खुश रखना यही उसकी जिंदगी की टैग लाइन थी ।
पड़ने में उसकी रुचि बहुत थी ,किताबों से उसकी गहरी दोस्ती थी। अपने स्कूल में भी सबकी चहेती थी।उसकी सोच अपने परिवार की सोच से समाज की सोच से बहुत अलग थी वह परंपराओं में बंधकर जीना नहीं चाहती थी ,उसे जिंदगी को खुले हाथों से आजादी से जीना था। पर कहते हैं ना जिंदगी की स्टोरी कब क्या मोड़ लेले कोई नहीं जानता । मंजुल की जिंदगी मैं ऐसे मोड़ आए एक नहीं कई बार आए, और हर मोड़ पर वो गिरी संभली फिर चली ,खुद को खोया फिर पाया , टूटी बिखरी और हिम्मत से फिर जुड़ी ।।
आइए थोड़ा शुरुआत से मंजुल की जिंदगी को जानने की कोशिश करते हैं ,हर लड़की उसमें खुद को महसूस करेगी ऐसा लगेगा जैसा कोई उसकी ही बात कर रहा है।