Monday, 21 October 2019

मंजुल

तुषार -मंडल से घिरी धरती।
है सूर्य किरण के इंतजार में।।
है अस्तित्व की खोज धरा को।
है उन्मुक्त मंजुल क्षितिज के इंतजार में।।

No comments:

Post a Comment